रवि वेंकटेशन ने कहा कि मोदी सरकार की बैंकिंग सेक्टर की कायापलट करने की योजना को पूरा करना असंभव है। इसका कारण यह है, कि देश के कुल खराब लोन में 90 फीसदी हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की है। देश के 21 सरकारी बैंकों में से 11बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आपातकालीन कार्यक्रम के सुपरवीजन में काम कर रहे हैं। मूडीज की स्थानीय इकाई इक्रा लिमिटेड भी2020 तक कुल ख़राब लोन बढ़ने की बात कह चुकी है। इक्रा का कहना है कि 31 मार्च, 2020तक भारत के कुल खराब ऋण 8 फीसदी से बढ़कर 9 .5 फीसदी हो जायगा । इसमें से 80 फीसदी हिस्सेदारी सरकारी बैंको की होगी.
No comments:
Post a Comment