Monday, October 8, 2018

नोटबंदी में बैंकर्स की भूमिका। (Role of bankers in demonetisation)

सरकार ने अपनी नीतियों की विफलता छुपाने के लिए  नोटबंदी (demonetisation) में सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले बैंकर्स को ही इसकी इसकी विफलता के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया था,जबकि सच्चाई यह हैकी बैंकर्स के लिए नोटबंदी किसी भयंकर सपने से कम नहीं है. नोटबंदी(demonetisation) के दौरान बैंकर्स का ऑफिस ही घर बन गया था. नार्मल दिनों में 9 घंटे काम करने वाले बैंकर्स ने 18-18 घंटे काम किया, इस दौरान पब्लिक द्वारा बैंक कर्मियों को पीटने की भी खबरें आयीं। मालेगाव की एक बैंक को पब्लिक ने 12 घंटे तक बैंक कर्मियों को बंधक बना कर रखा था, पब्लिक द्वारा बैंक कर्मियों से अभद्रता करना तो साधारण सी बात हो गई थी. इस दौरान कई बैंक कर्मियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, यहाँ तक की कई बैंक कर्मियों की ड्यूटी के दौरान ही मौत भी हो गई. ऐसी ही एक घटना नागपुर में हुई, जिसमे एक बैंक कर्मी की काम के दौरान ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. हरियाणा में भी कोऑपरेटिव बैंक के मैनेजर राजेश की मौत बैंक में ही हो गई थीवो अपनी मौत से पहले 3 दिन से अपने घर नहीं गए थे.
हाल ही में कार्यवाहक वित्त मंत्री रहेपियूष गोयल ने नोटबंदी (demonetisation) की विफलता का ठीकरा बैंक कर्मियों के सर फोड़ा था. उनके मुताबिक बैंकर्स की खराब भूमिका की वजह से नोटबंदी (demonetisation) फेल हुई थी. नोटबंदी (demonetisation) के प्रबल समर्थक रहें बिहार  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हवा के रुख भांपते हुएहाल में नोटबंदी पर अपने स्टैंड को बदलते हुए, इसकी विफलता के लिए बैंक कर्मियों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया थाजिसके बाद उनकी तीखी आलोचना भी हुईं थी।  

No comments:

Post a Comment

IBPS RRB 2018 Officer Scale I, II & III result declared Exam held on 30th September 2018

Institute of Banking Personnel Selection (IBPS) has declared the result of IBPS RRB mains exam for Officers Scale I, II, III. The mains exa...